शराब बंदी पर निबंध |12th Hindi बिहार बोर्ड

       शराब बंदी 

 

मदद् निषेध से तात्पर्य है मदद् अथवा मदिरा के पिने पर रोक लगाना। भारत जैसे निर्धन देश में जहाँ मदिरापान करना एक विलासिता है, मदद् निषेध अत्यन्त आवश्यक है। यद्दपि मद्दपान आधुनिक समाज के लिए अनिवार्य-सा बन गया है परन्तु फिर भी इसके अनेक दुष्प्रभाव है। मद्दपान धन के अपव्यय का कारण तो बनता ही है साथ ही स्वास्थ्य का भी नाश कर दिया करता है। यह व्यक्ति की आन्तरिक व बाहम सभी प्रकार की सुन्दरता को नष्ट कर उसे भद्दा एवं कुरूप बना दिया करता है। इतना सब होने पर भी मद्दपान करने वाले व्यक्त इसे अमृत कहते हैं और जो इसे नहीं पीते वे ही इसे घृणा की दृष्टि से देखते हैं। मदूदपान के अनेक आदी और समर्थक बड़े गर्व तथा गौरव से मंदिरा को ‘सोमरस’ का नाम दे दिया करते है। वे कहते है कि जिस सोमरस का हमारे देवता पान करते थे यदि हमने कर लिया तो क्या बुरा किया ? परन्तु वास्तव मै वे सोमरस के वास्तविक अर्थ को जाने बिना ही इसकी हिमायत करने लगते हैं। वास्तव में सोमरस (सोम लता से प्राप्त रस) एक प्रकार का स्वास्थ्यप्रद टानिक था । मद्दपान करने वाले की आत धीरे-धीरे छीजने लगती हैं और उसे भीतर से खोखला बनाकर छोड़ देती है।

 

 

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